साहित्य अकादमी पुरस्कार की स्थापना 12 मार्च 1954 में हुई थी। यह एक साहित्यिक सम्मान है। यह पुरस्कार 22 भाषाओं के अलावा अंग्रेजी व राजस्थानी भाषा में की गई रचनाओं के लिए दिया जाता है। साहित्य अकादमी पुरस्कार में ₹100000, एक प्रशस्ति पत्र और शाल दिए जाते हैं। यह पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद, भारत सरकार के द्वारा प्रदान किया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष प्रदान किए जाते हैं।
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वर्ष | साहित्यकार का नाम | कृति | विधा |
---|---|---|---|
1955 | माखन लाल चतुर्वेदी | हिमतरंगिणी | काव्य |
1956 | वासुदेव शरण | पद्मावत संजीवनी व्याख्या | व्याख्या |
1957 | आचार्य नारेन्द्र देव | बौध धर्म दर्शन | दर्शन |
1958 | राहुल सांकृत्यायन | मध्य एशिया के इतिहास | इतिहास |
1959 | रामधारी सिंह दिनकर | संस्कृति के चार अध्याय | भारतीय संस्कृति |
1960 | सुमित्रानंदन पन्त | कला और बूढ़ा चाद | काव्य |
1961 | भगवतीचरण वर्मा | भूले बिसरे चित्र | उपन्यास |
1962 | - | - | - |
1963 | अमृत राय | कलम का सिपाही ( प्रेमचंद) | जीवनी |
1964 | अज्ञेय जी | आंगन के पार द्वार | काव्य |
1965 | डा. नागेन्द्र | रस सिद्धांत | विवेचना |
1966 | जैनेन्द्र कुमार | मुक्ति बोध | उपन्यास |
1967 | अमृतलाल नागर | अमृत और विष | उपन्यास |
1968 | हरिवंशराय बच्चन | दो चट्टानें | काव्य |
1969 | श्रश्री लाल शुक्ल | रागदरबारी | उपन्यास |
1970 | राम विलास शर्मा | निराला की साहित्य साधना | जीवनी |
1971 | नामवर सिंह | कविता के नये प्रतिमान | आलोचना |
1972 | भवानी प्रसाद मिश्र | बुनी हुई रस्सी | काव्य |
1973 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | आलोक पर्व | निबंध |
1974 | शिवमंगल सिंह सुमन | मिट्टी की बारात | काव्य |
1975 | भीष्म साहनी | तमस | उपन्यास |
1976 | यशपाल | मेरी तेरी उसकी बातें | उपन्यास |
1977 | समशेर बहादुर सिंह | चूंका भी हूं में नहीं | काव्य |
1978 | भारत भूषण अग्रवाल | उतना वह सूरज है | काव्य |
1979 | सूदामा पांडेय ''धूमिल" | कल सुना मुझे | काव्य |
1980 | कृष्णा सोबती | जिन्दगीनामा जिन्दा रूख | उपन्यास |
1981 | त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन | काव्य |
1982 | हरि शंकर परिसाई | विकलांग श्रदा का दौर | व्यंग |
1983 | सर्वेश्वर दयाल सक्सेना | खूंटियों पर टंगे लोग | काव्य |
1984 | रघुवीर सहाय | लोग भूल गए हैं | काव्य |
1985 | निर्मल वर्मा | कव्वे और काला पानी | कहानी संग्रह |
1986 | केदारनाथ अग्रवाल | अपूर्वा | काव्य |
1987 | श्री कांत वर्मा | मगध | काव्य |
1988 | नरेश मेहता | अरण्य | काव्य |
1989 | केदारनाथ सिंह | अकाल में सारस | काव्य |
1990 | शिव प्रताप सिंह | नीला चांद | उपन्यास |
1991 | गिरजा कुमार माथुर | में वक्त के हूं सामने | काव्य |
1992 | गिरीराज किशोर | ढाई घर | उपन्यास |
1993 | विष्णु प्रभाकर | अर्द्धनारीश्वर | उपन्यास |
1994 | अशोक बाजपेई | कही नहीं वहीं |
काव्य |
1995 | कुंवर नारायण | कोई दूसरा नहीं | काव्य |
1996 | सुरेंद्र वर्मा | मुझे चांद चाहिए | उपन्यास |
1997 | लीलाधर जागूडी | अनुभव के आकाश में चांद | काव्य |
1998 | अरूण कमल | नये इलाके में | काव्य |
1999 | विनोद कुमार शुक्ल | दीवार में एक खिड़की रहती थी | उपन्यास |
2000 | मंगलेश डबराल | हम जो देखते हैं | काव्य |
2001 | अलका सरावगी | कलिकथा वया बाईपास | उपन्यास |
2002 | राजेश जोशी | दो पंक्तियों के बीच | काव्य |
2003 | कमलेश्वर | कितने पाकिस्तान | उपन्यास |
2004 | वीरेन डंगवाल | पुष्पचक्र में सृष्ठा | काव्य |
2005 | मनोहर श्याम जोशी | क्याप | उपन्यास |
2006 | ज्ञानेन्द्र पति | सशयात्मा | काव्य |
2007 | अमरकांत | इन्हीं हथियारों से | उपन्यास |
2008 | गोविंद मिश्र | कोहरे में कैद रंग | उपन्यास |
2009 | कैलाश बाजपेई | हवा में हस्तताक्षर | काव्य |
2010 | उदय प्रकाश | मोहन दास | कहानी |
2011 | काशी नाथ सिंह | रेहन पर रघू | काव्य |
2012 | चन्द्रकान्ता देवताले | पत्थर फेंक रहा हूं | काव्य |
2013 | मृदुला गर्ग | मिल जुल मनउ | उपन्यास |
2014 | रमेश चंद्र शाह | विनायक | उपन्यास |
2015 | राम दरश मिश्र | आग की हंसी | काव्य |
2016 | नासिरा शर्मा | परिजात | उपन्यास |
2017 | रमेश कुंतल मेघ | विश्व मिथक सरितसागर | पुस्तक |
2018 | चित्रा मुद्गल | पोस्ट बाक्स न. 203 नाला सुपारा | उउपन्यास |
2019 | नन्द किशोर आचार्य | घोलते हुए अपनो को | कविता |
2020 | अनामिका | टोकरी में दिगंत- थोरी गाथा | काव्य |
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